अरविन्द केजरीवाल : फर्श से अर्श तक ..
संक्षिप्त परिचय :
1994 में विवाह हुआ।
सुचना का अधिकार कानून पास करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
15 वर्ष से मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराया।
हिसार के हरियाणा में 16 अगस्त 1968 को एक साधारण परिवार में जन्मा एक बालक, एक दिन दिल्ली का मुख्यमंत्री बन जायेगा। ऐसी तो किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। केजरीवाल भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में बैठे व् पहली बार में ही चुन लिए गए।
इनके चहरे से झलकती आम आदमी की छवि को देखकर यह अंदाज लगाना मुश्किल था की साधारण से हावभाव व् विनम्र वाणी के बल पर ये आम आदमी दिल्ली की सियासत का चेहरा बदलने का मादा रखता है। एक भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना लिए अपनी मुहीम शुरू करने वाले आईआईटी छात्र नें कब अपनी मुहीम को जन आन्दोलन , इसकी राजनितिक हस्तियों को भनक तक भी नहीं लगी।
जिस सामाजिक कार्यकर्ता कहे जाने वाले केजरीवाल को राजनीति का नया खिलाडी समझकर हाशिये पर रखा गया, उसी आम आदमी नें मात्र 1 साल में दशकों से स्थापित राजनितिक तंत्र को खुली चुनौती दे डाली। इस आम आदमी ने राजनीती के मायने ही बदलकर रख दिए। व् राजनीति के नए मापदंड स्थापित कर डाले।
केजरीवाल को ये सफलता यूँ ही नहीं मिल गई। इसके पीछे छिपी है उनकी वर्षो की मेहनत, साफ़ नियत, आम जन से प्यार, ईमानदारी , व् समाजसेवा का जज्बा। जो उन्हें इस मुकाम तक लेकर गया है।। दिल्ली की जनता को केजरीवाल जी से बहुत उम्मींदे हैं। और हमें भी आशा है, की वो जनता की उमींदो पर अवश्य खरे उतरेगे। यदि इरादे फौलादी हों, व् हौंसलो में उड़ान हो, तो ऐसी कोई मंजिल नहीं है, जिसे पाया न जा सकता हो। इसी सिद्धान्त को सर्वोपरि रखकर अरविन्द केजरीवाल ने लोक कल्याण कारी कार्यो में भागीदारी बढ़ाते हुए आयकर विभाग से भ्रष्टाचार को हटाने की मुहीम से 1 जन आंदोलन तक जारी रखा। और भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग आज भी जारी है।
Best Politicion Arvind Kejriwal
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